मथुरा। तीर्थनगरी मथुरा और ब्रजघाट जाने वाले श्रद्धालुओं के लिए बड़ी राहत की खबर है। उत्तर प्रदेश सरकार ने मथुरा-ब्रजघाट बाइपास प्रोजेक्ट को हरी झंडी दे दी है। अमर उजाला और दैनिक जागरण की 10 दिसंबर 2025 की रिपोर्ट्स के अनुसार, यह 4-लेन बाइपास 150 करोड़ रुपये की लागत से बनाया जाएगा और 2026 तक पूरा हो जाएगा। बाइपास बनने से रामघाट, केशवदेव मंदिर, द्वारकाधीश मंदिर और ब्रजघाट जाने वाले श्रद्धालुओं को ट्रैफिक जाम से मुक्ति मिलेगी। पहले घंटों लगने वाली यात्रा अब 20-30 मिनट में पूरी हो जाएगी। इससे पर्यटन बढ़ेगा और स्थानीय बाजारों में चहल-पहल लौटेगी। इस ब्लॉग में हम इस नए बाइपास प्रोजेक्ट की पूरी डिटेल्स, लाभ, प्रभाव और श्रद्धालुओं की प्रतिक्रियाओं पर चर्चा करेंगे।
नया बाइपास: 4-लेन, 150 करोड़ की लागत, 2026 तक पूरा
योगी सरकार ने मथुरा-ब्रजघाट बाइपास को मंजूरी दे दी है। मुख्य विशेषताएं:
- लंबाई: 12 किमी।
- चौड़ाई: 4 लेन (2-2)।
- लागत: 150 करोड़ रुपये।
- निर्माण एजेंसी: PWD और NHAI की संयुक्त टीम।
- समयसीमा: 2026 अंत तक पूरा।
बाइपास मथुरा शहर से होकर नहीं जाएगा, बल्कि ब्रजघाट और रामघाट को सीधा कनेक्ट करेगा। इससे शहर में ट्रैफिक जाम खत्म होगा।
यातायात में सुगमता: रोजाना 1 लाख+ श्रद्धालु लाभान्वित
ब्रजघाट और रामघाट मथुरा के सबसे व्यस्त तीर्थस्थल हैं। पहले यहां 1-2 घंटे का जाम लगता था। नया बाइपास बनने से:
- यात्रा समय 1 घंटे से घटकर 20-30 मिनट।
- रोजाना 1 लाख+ श्रद्धालु और पर्यटक लाभान्वित।
- मथुरा-वृंदावन-गोवर्धन-ब्रजघाट सीधा कनेक्ट।
- पर्यटन में वृद्धि – रामघाट, केशवदेव मंदिर और द्वारकाधीश मंदिर तक पहुंच आसान।
स्थानीय व्यापारियों ने कहा, “ट्रैफिक जाम से ग्राहक नहीं आते थे। अब बाजार में चहल-पहल लौटेगी।”
जल निकासी और पर्यावरण: बरसात में जलभराव नहीं होगा
प्रोजेक्ट में मजबूत जल निकासी सिस्टम भी शामिल है:
- 10 किमी नई ड्रेनेज लाइन।
- पंपिंग स्टेशन और साइलेंट पंप।
- बरसात में भी सड़क सूखी रहेगी।
पर्यावरण विशेषज्ञों ने कहा, “यह प्रोजेक्ट यमुना किनारे के पारिस्थितिकी तंत्र को बचाएगा।”
स्थानीय लोगों की प्रतिक्रिया: खुशी और उम्मीद
मथुरा-ब्रजघाट के निवासियों ने खुशी जताई। एक दुकानदार ने कहा, “पहले ट्रैफिक जाम में ग्राहक नहीं आते थे। अब बाजार में चहल-पहल आएगी।” श्रद्धालुओं ने कहा, “ब्रजघाट दर्शन अब आसान हो जाएगा।”