किसी भी बच्चे का भविष्य तय करता है उसकी मां-बाप जैसे एक मिट्टी के बर्तन को बनाने वाला कुंभार तय करता है हमें उसे मिट्टी से क्या बनाना है उसी के भांति आदमी अपने बच्चों का भविष्य तय करता है कि मुझे अपने बच्चों को क्या बनाना है और वह बचपन से इस चीज की कहानी सुना करो उसके मन को तैयार करता है