नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश को जल्द ही देश का पहला ग्रीन एयरपोर्ट मिलने जा रहा है। नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट (NIA) को पर्यावरण-अनुकूल बनाने के लिए सौर ऊर्जा, रेन वाटर हार्वेस्टिंग और EV चार्जिंग स्टेशन जैसी सुविधाएं लगाई जा रही हैं। अमर उजाला और न्यूज नेशन की 11 दिसंबर 2025 की रिपोर्ट्स के अनुसार, यह एयरपोर्ट 2025 के अंत तक लॉन्च होगा और 10 मिलियन यात्रियों की क्षमता वाला होगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने खुद इसकी प्रगति की निगरानी कर रहे हैं। यह प्रोजेक्ट 500 करोड़ की लागत से बन रहा है और पर्यावरण संरक्षण को प्राथमिकता देगा। इस ब्लॉग में हम यूपी के पहले ग्रीन एयरपोर्ट की पूरी योजना, विशेषताएं, निर्माण प्रगति, पर्यावरणीय लाभ और यात्रियों के लिए सुविधाएं बताएंगे। यदि आप नोएडा या यूपी में रहते हैं या एयर ट्रैवल से जुड़े हैं, तो ये अपडेट्स आपके लिए जरूरी हैं।
ग्रीन एयरपोर्ट की योजना: पर्यावरण संरक्षण पर फोकस
नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट को ग्रीन बिल्डिंग सर्टिफिकेशन (IGBC LEED Platinum) मिलेगा। मुख्य विशेषताएं:
- सौर ऊर्जा: 1304 सोलर पैनल लगाए गए, सालाना 8 लाख यूनिट बिजली उत्पादन।
- रेन वाटर हार्वेस्टिंग: वर्षा जल संचयन सिस्टम, 50% पानी रिसाइकलिंग।
- EV चार्जिंग स्टेशन: 100+ स्टेशन, इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए सब्सिडी।
- अपशिष्ट प्रबंधन: सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट और हरित क्षेत्र।
- क्षमता: चरणबद्ध रूप से 10 मिलियन से 70 मिलियन यात्रियों तक।
- लागत: 500 करोड़ (पर्यावरण सुविधाओं पर)।
CM योगी ने कहा, “यह एयरपोर्ट पर्यावरण संरक्षण का मॉडल बनेगा।”
निर्माण प्रगति: 2025 में लॉन्च
एयरपोर्ट का निर्माण 80% पूरा हो चुका है। टर्मिनल बिल्डिंग में लटिस स्क्रीन से प्राकृतिक रोशनी और वेंटिलेशन सुनिश्चित। अप्रैल 2025 में पहली फ्लाइट उड़ान भरेगी। यह यूपी को नई ऊंचाई देगा।
पर्यावरणीय लाभ: सस्टेनेबल डेवलपमेंट
- सोलर से कार्बन उत्सर्जन 50% कम।
- रेन वाटर से पानी संकट कम।
- EV स्टेशन से प्रदूषण मुक्त यात्रा।
- हरित क्षेत्र से जैव विविधता संरक्षण।
यह एयरपोर्ट यूपी को ग्रीन स्टेट बनाएगा।
यात्रियों के लिए सुविधाएं: आधुनिक और पर्यावरण-अनुकूल
- ड्यूटी-फ्री स्टोर, लाउंज और भारतीय संस्कृति से प्रेरित डिजाइन।
- वाराणसी-हरिद्वार घाटों जैसी चौड़ी सीढ़ियां।