गोरखपुर नगर क्षेत्र में 14 दिसंबर 2025 को मांस, मछली और मुर्गे की सभी दुकानें पूरी तरह बंद रहेंगी। नगर निगम और प्रशासन ने यह आदेश जारी किया है। अमर उजाला और दैनिक जागरण की रिपोर्ट्स के अनुसार, यह बंदी धार्मिक संवेदनशीलता और पर्यावरण संरक्षण के लिए की जा रही है। 14 दिसंबर को विभिन्न धार्मिक आयोजन और पर्यावरण दिवस के कारण यह फैसला लिया गया है। दुकानदारों को पहले ही नोटिस दे दिया गया है। उल्लंघन करने पर सख्त कार्रवाई की चेतावनी दी गई है। यह ब्लॉग इस बंदी की पूरी डिटेल्स, कारण, प्रभाव, दुकानदारों की प्रतिक्रिया और शहरवासियों के लिए टिप्स बताता है। यदि आप गोरखपुर में रहते हैं या मांस-मछली का कारोबार करते हैं, तो ये अपडेट्स आपके लिए जरूरी हैं।
बंदी का पूरा विवरण: 14 दिसंबर को सभी दुकानें बंद
नगर निगम ने आदेश जारी किया है कि 14 दिसंबर को सुबह से रात तक गोरखपुर नगर क्षेत्र में मांस, मछली और मुर्गे की सभी दुकानें बंद रहेंगी। इसमें:
- होटल और रेस्टोरेंट में भी नॉन-वेज सर्व नहीं होगा।
- ऑनलाइन डिलीवरी भी बंद रहेगी।
- उल्लंघन करने पर दुकान सील और जुर्माना।
यह बंदी गोरखपुर शहर के सभी वार्डों में लागू होगी।
बंदी के मुख्य कारण: धार्मिक संवेदनशीलता और पर्यावरण
- धार्मिक कारण: 14 दिसंबर को कई धार्मिक आयोजन हैं, जिसमें अहिंसा का संदेश दिया जाता है।
- पर्यावरण कारण: मांस-मछली के कारोबार से प्रदूषण बढ़ता है, इसे कम करने के लिए बंदी।
- सामाजिक कारण: शहर में शाकाहारी और मांसाहारी दोनों समुदाय हैं, संवेदनशीलता बनाए रखने के लिए।
नगर निगम ने कहा, “यह बंदी हर साल की जाती है, ताकि धार्मिक भावनाओं का सम्मान हो।”
दुकानदारों की प्रतिक्रिया: नुकसान का डर
मांस-मछली दुकानदारों ने बंदी का विरोध किया है। एक दुकानदार ने कहा, “एक दिन की बंदी से 50,000 रुपये का नुकसान होता है।” दुकानदार संघ ने कहा, “हम धार्मिक भावनाओं का सम्मान करते हैं, लेकिन वैकल्पिक तारीख दी जाए।”
शहरवासियों पर प्रभाव: नॉन-वेज नहीं मिलेगा
शहरवासियों को 14 दिसंबर को नॉन-वेज नहीं मिलेगा। होटल और रेस्टोरेंट में भी केवल शाकाहारी मेन्यू उपलब्ध रहेगा।