सफलता का सुनहरा पल
प्रयागराज की बेटी खुशबू निषाद नंदा ने अपना स्वर्णिम इतिहास रचते हुए देश का नाम रोशन किया। राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता में गोल्ड मेडल जीतने के बाद जब खुशबू प्रयागराज लौटीं, तो रेलवे स्टेशन से लेकर शहर तक लोगों ने उनका उत्साहपूर्वक स्वागत किया। फूल-मालाओं, बैंड-बाजों और नारेबाज़ी के बीच खुशबू का कारवां शहर की सड़कों से होकर गुज़रा।
खेल के क्षेत्र में नई पहचान
खेल जगत में खुशबू निषाद नंदा का नाम अब प्रेरणा का प्रतीक बन चुका है। उनकी मेहनत, लगन और अनुशासन ने उन्हें इस मुकाम तक पहुंचाया है। परिजनों और कोच ने बताया कि खुशबू रोज़ाना 6 घंटे अभ्यास करती थीं ताकि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बेहतरीन प्रदर्शन कर सकें।
प्रशासन और नागरिकों ने दी बधाई
प्रयागराज के जिलाधिकारी, खेल अधिकारी और कई जनप्रतिनिधियों ने खुशबू को सम्मानित किया। इस अवसर पर शहरवासियों में गर्व और खुशी की लहर थी। स्थानीय विद्यालयों और कोचिंग संस्थानों में भी बच्चों को खुशबू की सफलता से प्रेरित होकर खेलों में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित किया गया।
खुशबू ने दिया संदेश
मंच पर बोलते हुए खुशबू निषाद नंदा ने कहा कि सफलता का कोई शॉर्टकट नहीं होता। उन्होंने युवाओं से संदेश दिया कि मेहनत और आत्मविश्वास से हर लक्ष्य हासिल किया जा सकता है। उन्होंने अपने कोच, परिवार और शहरवासियों का आभार व्यक्त किया, जिनके सहयोग से यह स्वर्णिम उपलब्धि संभव हुई।
भविष्य की तैयारी और अगला लक्ष्य
खुशबू ने बताया कि अब उनका लक्ष्य अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता में भारत के लिए स्वर्ण पदक जीतना है। आने वाले महीनों में वह नेशनल कैंप में भाग लेने जा रही हैं जहाँ वे अपनी तकनीक और फिटनेस पर और मेहनत करेंगी
प्रयागराज के लिए गौरव का क्षण
यह पल केवल खुशबू निषाद नंदा ही नहीं बल्कि पूरे प्रयागराज के लिए गौरवशाली है। शहर में उनके सम्मान में कई कार्यक्रमों का आयोजन होने की तैयारी है। स्थानीय प्रशासन ने घोषणा की कि खेल प्रतिभाओं को प्रोत्साहित करने के लिए अब विशेष प्रशिक्षण शिविर लगाए जाएंगे।