चार्ल्स डार्विन की थ्योरी, जिसे “विकासवाद का सिद्धांत” (Theory of Evolution) कहा जाता है, के अनुसार सभी जीवधारी एक सामान्य पूर्वज से विकसित हुए हैं। हालांकि, इस सिद्धांत में सीधे तौर पर यह नहीं कहा गया कि मनुष्य का विकास मछली से हुआ है।
डार्विन ने सुझाव दिया था कि जीवित प्राणी समय के साथ धीरे-धीरे विकसित होते गए हैं, और इस विकास की प्रक्रिया में अनेक चरण आए। यह समझना जरूरी है कि डार्विन के सिद्धांत में मनुष्य का विकास एक जटिल और लम्बी प्रक्रिया के माध्यम से हुआ जिसमें कई प्रकार के जीवों के रूपांतरण शामिल थे।
विज्ञान के अनुसार, सबसे पहले प्राचीन जलजीवों से उभयचर (amphibians) का विकास हुआ, फिर उभयचर से सरीसृप (reptiles), फिर स्तनधारी (mammals), और अंत में मानव का विकास हुआ। इस तरह हम कह सकते हैं कि डार्विन के सिद्धांत के अनुसार मानव का विकास एक लम्बी श्रृंखला का परिणाम है, जिसमें मछली एक प्रारंभिक चरण के रूप में शामिल हो सकती है।