रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि जैसे-जैसे समय बदला और शहरीकरण बढ़ा, इन पारंपरिक घरों की जगह कंक्रीट और सीमेंट से बने घरों ने ले ली। हालांकि, आज भी ग्रामीण क्षेत्रों में कुछ स्थानों पर खपरैला घर देखने को मिल जाते हैं, जो हमें हमारी सांस्कृतिक विरासत और परंपराओं की याद दिलाते हैं।